तेरे हाथ पर मैंने रखा
तेरे हाथ पर मैंने रखा
मेरे दिल में एक दरवाजा तेरी खातिर बना
चाभियों का गुच्छा तेरे हाथ पर मैंने रखा।
तू चली आई तो प्यारा घर बना ये दिल मेरा
छोटा सा परिवार मेरा अब उसी में बस रहा।
जिंदगी भर एक बंधन में चलेंगे हम औ तुम
मोह के धागों से हम दोनों का जीवन बँधा।
कीमती होंगे भले दुनिया के सुख ओ चैन पर
साथ तेरा ही मुझे तो कीमती सबसे लगा।
जब भी अपनो की खुशी की बात आती है "कमल"
जीत कर भी हारता हूँ, हार कर मैं जीतता।