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Neeraj pal

Romance

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Neeraj pal

Romance

तेरे गुलाब की क्यारी में

तेरे गुलाब की क्यारी में

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तेरे गुलाब की क्यारी में, मैं गंद हीन इक फूल सही।

मंदिर की चारदीवारी में, मैं भक्तों की पग -धूल सही।


सब लोग करें तेरे दर्शन, मैं लखूँ झलक एक कोने से

वह करें भजन, हो रहे मगन, मैं नैन भरे रह जाऊं वही।


तेरे प्रेम में भीग रहे सब जन, है सूखा, कातर मेरा मन

स्वीकारो नम नयनों का नमन, दो मेहर चितवन, थामो यहीं।


सब चढ़ा रहे श्रद्धा के सुमन, मेरा अहंकार सर चढ़ा रहे

हर इसे, दे तुझे, हेतु रहित पद प्रीति, याचना तुमसे यही।


तू एक नजर जिस पर डाले वह वही कभी भी रहा नहीं

एक नजर की बात है तेरी तो पर मेरा अहम् सवाल यही।


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