तेरा प्यार
तेरा प्यार
तेरा प्यार
मैं कैसे भूल सकता हूँ।
जिंदगी के उस मील- पत्थर पर,
जब अकेला ही रह गया था,
मेरा आत्म-विश्वास भी मुझे
छोड़ कर दूर जा खड़ा था,
मैं कैसे भूल सकता हूँ
तेरा प्यार।
कब मेरी सोच ने,
सोचना बंद कर दिया था,
कहाँ से विचारों ने,
शून्यता का रुख किया था,
मैं कैसे भूल सकता हूँ
उस वक्त जब विचारों की
जो एक लौ टिमटिमायी थी,
विश्वास की किरण जो मेरे
दिल में जगमगायी थी,
मैं कैसे भूल सकता हूँ
तेरा प्यार।
मेरी सोच ने, विचारों की
जो सकारात्मकता पाई थी।
मैं कैसे भूल सकता हूँ
तेरा प्यार।
हां, मैं नहीं भूल सकता हूँ
तेरा प्यार।