तेरा प्यार मेरी इबादत
तेरा प्यार मेरी इबादत
मैं तो एक छवि हूँ,
तुम इस के प्राण सनम।
जी लेती हूँ एक पल में जिंदगी को,
जब तुम होते हो साथ सनम।
दिल के अरमानों को कैसे बस में करे,
कौन सी जंजीर बांधे, कौन सी लगाम सनम।
तेरे प्यार की गहराइयों में डूबने का मन है
जरा खोलो अपने दिल के द्वार सनम।
ले लो हमें अपने आगोश में
करो फिर से मोहब्बत का आगाज सनम।
बस तड़प है तुझ में समा जाने की,
नहीं होश मुझको खुद का सनम।
अब तू ही तो है मेरा खुदा,
तेरा प्यार मेरी इबादत सनम।।