Ragini Uplopwar Uplopwar

Inspirational

2.4  

Ragini Uplopwar Uplopwar

Inspirational

तैयारी

तैयारी

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चाह है जीत की तो, हार के लिये तैयार रहो।

डगर डगर बिछे है कंटक बीनते चलो।

एक एक मुश्किलों को हल करते चलो।


क्रोध रखो ताक पर, हौसले को ले बढो़।

श्रम से कतराओ नहीं, बाधाओं से नहीं डरो।

क्या छोटा क्या बडा़, काम तो काम है।

करते चलो, करते चलो।

चाह है जीत की तो, हर हाल में तैयार रहो।


मुकद्दर क्या होता है, वो तो बनाया जाता है।

जो मिलना है वहीं मिलेगा, सोच को मिटाते चलो।

चाह है जीत की तो, हाथ की रेखाएं बदलते चलो।


चुनौतियों से क्या डरना, वो तो आती रहती है

पाकर खोने बेहतर है, खोकर पाना

चाह है जीत की तो, खोने का भय भुलाते चलो।


आओ लक्ष्य साध ले, मुश्किलों को बांध ले,

उठे पग ना रूके पग, आत्मविश्वास साथ ले।

मंजिलों पर पताका फहराएंगे,

चाह है जीत की तो, हार को भी हराएंगे।


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