Ragini Uplopwar Uplopwar

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दहलीज

दहलीज

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दहलीज लांघना नहीं,

सीखा है

मर्यादा का पालन

सीखा है।

गुरू गुरू होता है,

बराबरी करना नहीं,

सीखा है।


जब जब लांघी दहलीज,

समाज से ठुकराई गई।

जब जब मर्यादाएं तोड़ी,

बेशरम कहलाई गई।


दहलीज ने भेद बताया,

घर और बाहर में।

एक दहलीज घर की,

एक मन की।


बिना इजाज़त दोनों में

प्रवेश निषेध है।

दहलीज के उधर, बंधन है

उधर मुक्ताकाश है।


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