ताऊ ताई
ताऊ ताई
एक दिन ताऊ बोला ताई से,
अब तो चांद पर घर बनाएंगे।
मिल रहे हैं प्लाट सस्ते में ही,
एक दो अपने नाम कटवाएंगे।।
खूब बोएंगे फल और सब्जी,
खुद वहीं पर स्वर्ग बसाएंगे।
मिलने आए जब कोई हमसे,
कल्पतरु नीचे उसे बैठाएंगे।।
पैदावार बेचने कभी-कभी,
धरती पर दोनों आ जाएंगे।
महंगे दामों पर बेचके सारी,
वापस चांद पर चले जाएंगे।।
कितने ख्वाब दिखाएं ताऊ ,
फिर ताई तपाक से बोली।
खूब सोच सोचकर उसने,
दिल की खिड़की खोली।।
योजना तो सुंदर लगती है,
पर चांद पर कैसे जाएंगे।
गर एक बार चले भी गये,
तो फिर लौट कैसे आएंगे।।
इतना सुनकर ताऊ बोला,
तो धरती पर हल चलाएंगे।
रूखी सूखी जो भी मिलेगी,
उसको खाकर सो जाएंगे।।