तारणहार
तारणहार
मेरे जीवन की नौका का
तू हैं तारणहार प्रभु
इस माटी के शरीर का
तू ही हैं आधार प्रभु
प्राण, वायु ,जल, जीवन
सब तेरा प्रभार प्रभु
मेरे जीवन की नौका का
तू हैं तारणहार प्रभु
तू हास हैं, तू ही शोक हैं
तुझमे ये संसार प्रभु
पालक तू हैं, कर्ता तू हैं
तुझसे ही संहार प्रभु
दृष्टा तू हैं, वक्ता तू हैं
और जगत व्यवहार प्रभु
पूजा तू है, श्रद्धा तू हैं
और हृदय आभार प्रभु
मेरे जीवन की नौका का
तू हैं तारणहार प्रभु
तू राग हैं, तू ही द्वेष हैं
ईर्ष्या उष्मागार प्रभु
तू प्रेम हैं, तू ही मोह हैं
व विरक्ति आधार प्रभु
तू विरह हैं, तू ही मिलन हैं
रसावतरण उदार प्रभु
तू प्रणय हैं, तू ही कलह हैं
जीवन सूत्र आधार प्रभु
मेरे जीवन की नौका का
तू हैं तारणहार प्रभु
तू गगनचर, तू ही जलचर
व थलचर संसार प्रभु
तू ही जड़ हैं, तू ही चेतन
तू माया विस्तार प्रभु
तू दिशा हैं, तू ही मार्ग हैं
व पथिक का भार प्रभु
तू ही दिगंबर, तू पीतांबर
निराकार साकार प्रभु
मेरे जीवन की नौका का
तू हैं तारणहार प्रभु
तू प्रसारक, तू ही निवारक
अनंत माया विस्तार प्रभु
तू ही उद्धारक, तू भ्रमकारक
रुप अनेक अपार प्रभु
मेरे जीवन की नौका का
तू हैं तारणहार प्रभु
