स्वर्ग में अगर मां होती
स्वर्ग में अगर मां होती
(विश्व मातृदिवस को समर्पित)
क्यों हूर या अप्सरा की कहानी होती
एक सच्चे प्यार की बात जो होती,
जरा सोचो अगर आज वहां मां होती ।
मेरा बुढ़ापा देख कहती
बहुत थक गए हो बेटे....
प्यार के मीठे बोल से
मेरी थकान मिटा देती,
अगर आज वहां मेरी मां होती ।
कुछ लजीज़ पकवान खिला
तंदुरुस्त बना देती,
प्रार्थना से मेरा बुढ़ापा निखार देती
अगर आज वहां मेरी मां होती ।
सारे गम दुःख अपनी झोली में ले लेती
सहलाकर हाथ से अच्छी नींद में सुला देती,
खुद जागकर पल्लू से हवा देती,
अगर आज वहां मेरी मां होती ।
मुझे पता है मां तू खुद बूढ़ी हो जाती
लेकिन मुझे बूढ़ा न होने देती,
रोक देती नियति के नियम
मुझे बच्चा ही बना रखती
अगर आज तू मेरे साथ ही होती ।