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Arun Gondhali

Abstract

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Arun Gondhali

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स्वर्ग में अगर मां होती

स्वर्ग में अगर मां होती

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(विश्व मातृदिवस को समर्पित)


क्यों हूर या अप्सरा की कहानी होती

एक सच्चे प्यार की बात जो होती,

जरा सोचो अगर आज वहां मां होती ।


मेरा बुढ़ापा देख कहती

बहुत थक गए हो बेटे....

प्यार के मीठे बोल से 

मेरी थकान मिटा देती,

अगर आज वहां मेरी मां होती ।


कुछ लजीज़ पकवान खिला 

तंदुरुस्त बना देती,

प्रार्थना से मेरा बुढ़ापा निखार देती

अगर आज वहां मेरी मां होती ।


सारे गम दुःख अपनी झोली में ले लेती

सहलाकर हाथ से अच्छी नींद में सुला देती,

खुद जागकर पल्लू से हवा देती,

अगर आज वहां मेरी मां होती ।


मुझे पता है मां तू खुद बूढ़ी हो जाती

लेकिन मुझे बूढ़ा न होने देती,

रोक देती नियति के नियम

मुझे बच्चा ही बना रखती

अगर आज तू मेरे साथ ही होती ।



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