आग बिना रोटी पकाए
आग बिना रोटी पकाए
सूरज जरा पास आजा
कुछ रोटियां सेंक लें हम ।
आलू और प्याज की एक
सब्जी पका ले हम ।
सब्जियां कहां है मार्केट में,
सूखी नदिया तालाब
पानी अब कुंए में नहीं,
सिर्फ बोतलों में पड़ा है ।
तरसता है बदन पानी को
बॉडी में विटामिन बी12 है कम।
भेज बादल बारिश दे दे
अब गर्मी कर दे थोड़ी कम ।
गलतियां हमारी माफ़ कर
काटे है पेड़ लालच में,
सजा मासूमों को ना दे,
बात हम अभी समझ गए है
इस बारिश में पेड़ जरूर लगाएंगे हम ।
