स्वदेशी अपनाएंगे देश भक्त कहलाएंगे
स्वदेशी अपनाएंगे देश भक्त कहलाएंगे
हम अपने देश के लिए जीते हैं
देश हमारे लिए जीता है
विदेशी धरती दुःख में जब विदेशी का एहसास कराती है
मेरे अपने देश की माटी संकटमोचन बन जाती है।
उठो भारत के नौजवानों
देशी का दामन थामो
अपने प्रवर, प्रखर ज्ञान को आगे लाओ
देसी बनाओ,देसी ही खाओ।
उठो भारत के किसानों
देसी उगाओ, देसी ही खाओ
देसी हल, ट्रैक्टर और औज़ार करो स्वीकार
देसी पैदावार का बढ़ाओ भंडार।
उठो भारत के मजदूर
ले लो अपने सारे औज़ार
खोद दो देसी कारखानों की नींव
विदेशी उत्पाद हमें किसी भी कीमत पर नहीं मंजूर।
उठो भारत की पढ़ी-लिखी युवा शक्ति
अपनी तकनीक में जगाओ भक्ति
अपनी सॉफ्टवेयर कंपनियों का करो निर्माण
अपने कर्मों से अपने देश का करो उत्थान।
विदेशों में बसते हो
घर-परिवार को तरसते हो
दुःख-सुख में जब गूँजती है किलकारी
केवल तरस कर रह जाती है तेरे आँगन की फुलवारी।
हमारी सभ्यता को विदेशियों ने अपनाया
हमें ही नीचा दिखाया
हमारे यहाँ सदियों पहले उड़े थे पुष्पक विमान
उस तकनीक को चुरा कर विदेशी क्यों इतराया।
देसी तकनीक और अपनाएंगे जिस दिन खादी
तभी लिख देंगे नाम आजादी
बड़ा हुआ इंडिया-इंडिया का गुणगान
बनाना है अब इसे मेरा भारत देश महान ।