Bindiyarani Thakur
Romance
है सच्ची मोहब्बत
हमपर ना तोहमत लगाइए आप
मरते हैं आप पर, फिर कैसा शक!
होली का त्योह...
प्यारा सा साथ
मायने जिंदगी ...
रिसते जख्म
दिल पूछता है
बात आँखों की
कुछ ख़ास लम्ह...
निराश मत हो
ख़ुद को परखो
उड़ान
सपने में भी देखे बहुत, उनको नजरों में भरकर, वह नजरों ही नजरो में, मुझ को घायल कर जात सपने में भी देखे बहुत, उनको नजरों में भरकर, वह नजरों ही नजरो में, मुझ क...
सब एक जैसे नहीं मगर सोच अच्छी होनी चाहिए रंग में क्या है! सब एक जैसे नहीं मगर सोच अच्छी होनी चाहिए रंग में क्या है!
खिजा सिमट के बहारों में बदल गई। जुल्फ चेहरे से हटा रंग जहां में भर दिए। खिजा सिमट के बहारों में बदल गई। जुल्फ चेहरे से हटा रंग जहां में भर दिए।
वह खुद के लिए थी पीछे हटी, या मुझको बचाने के लिए हटी। वह खुद के लिए थी पीछे हटी, या मुझको बचाने के लिए हटी।
दर्दों से दो-दो हाथ करके कर्तव्य पथ पर बढ़ते जाती हो। दर्दों से दो-दो हाथ करके कर्तव्य पथ पर बढ़ते जाती हो।
दिल भी रुक रुक कर धड़क रहा है दिल भी रुक रुक कर धड़क रहा है
अरु की भाँति तेजवान तू,तुम हो अतुलनीय परवाज़ है तेरी शोखियों में,तूम हो रमणीय। अरु की भाँति तेजवान तू,तुम हो अतुलनीय परवाज़ है तेरी शोखियों में,तूम हो रमणीय।
इतने भी पास ना आओ , कि जाने पर दिल दुखे। इतने भी पास ना आओ , कि जाने पर दिल दुखे।
कब मेरी आदतों में शुमार हो गया कब तेरे अल्फ़ाज़ मेरी ज़ुबान बन गए कब मेरी आदतों में शुमार हो गया कब तेरे अल्फ़ाज़ मेरी ज़ुबान बन गए
मुझे प्यार है, तेरे हाथ के ऊपर की दहक से मुझे प्यार है, तेरे हाथ के ऊपर की दहक से
दीदार हो जाए उनका, तो गजल लिखते हैं दीदार हो जाए उनका, तो गजल लिखते हैं
ये इश्क नहीं आसन ; दरिया में कूदकर, इश्क को बचाने का .. प्रयास करता गया, ये इश्क नहीं आसन ; दरिया में कूदकर, इश्क को बचाने का .. प्रयास करता गया,
मेरे दिल की शान हो तुम, मेरे मन की आन हो तुम। मेरे दिल की शान हो तुम, मेरे मन की आन हो तुम।
है डरा भीतर अकेला अब बड़ा "एकांत" है, मैं नहीं समझा सका के दिल को समझाना तुम्ही ! है डरा भीतर अकेला अब बड़ा "एकांत" है, मैं नहीं समझा सका के दिल को समझाना तुम्ह...
हम बने ,सुख -दुख के' साथी ! साथ हमारा जैसे दिया और बाती। हम बने ,सुख -दुख के' साथी ! साथ हमारा जैसे दिया और बाती।
पिछले होली की मस्ती याद आ रही है वही याद दुबारा दोहराइयेगा की नहीं पिछले होली की मस्ती याद आ रही है वही याद दुबारा दोहराइयेगा की नहीं
आपकी हर बात पलकों पे सजा दूँ, खिलखिला दो आप कुछ ऐसा मजा दूँ!! आपकी हर बात पलकों पे सजा दूँ, खिलखिला दो आप कुछ ऐसा मजा दूँ!!
जल ना मेरे साथ तू भी ,मैं अकेली क्यूँ जलूँ ?हर रोज़ तुझे याद करके। जल ना मेरे साथ तू भी ,मैं अकेली क्यूँ जलूँ ?हर रोज़ तुझे याद करके।
बेगुनाह दिल चल पड़ा था मंजिल की ओर फिर से वो रास्ते भूले बिसरे आहें भरते है बेगुनाह दिल चल पड़ा था मंजिल की ओर फिर से वो रास्ते भूले बिसरे आहें भरते है
अब तो उन यादों से बाहर आ जा प्रिये क्योंकि पिया अब न राह में नज़र आये। अब तो उन यादों से बाहर आ जा प्रिये क्योंकि पिया अब न राह में नज़र आये।