STORYMIRROR

Pradip Warade

Abstract Inspirational Others

3  

Pradip Warade

Abstract Inspirational Others

सूरज निकलेगा...

सूरज निकलेगा...

1 min
156

काले बादलो को चीरकर सूरज कल फिर से निकलेगा 

थमा जो जमाने का कर्मचक्र कल फिर से दौड़ने लगेगा


दील में तेरे एक नई उम्मीद जगेगी 

दुनिया जीतने की तेरी ख्वाहिश होगी

मृतवत सपनों में फिर से जान आएगी

उत्साही कर्मों से ही नई पहचान बनेगी

बुरा वक्त बीत गया तेरा अब तू नया एक दौर लिखेगा

काले बादलों को चीरकर सूरज कल फिर से निकलेगा..


कर्म करने से न लड़खड़ाए तेरे कदम

बीच में न रुक जाये जीत का ये क्रम

अधूरी जंग पूरी जीत बनकर रंग लायेगी

देख फिर दुनिया तेरे जीत के गीत गायेगी

कर दिखा कुछ ऐसा जो दुश्मन भी तेरा जयकार करेगा

काले बादलो को चीरकर सूरज कल फिर से निकलेगा..


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract