तो मजा है....
तो मजा है....
बादलों में ढकी हो मंजिल
तो उसे पाने में नशा है,
राह जब कठिनाइयों से भरी हो
तो चलने में मजा है।
संभल जाँऊ ऊंचाई से गिरकर
तो गिरने में नशा है,
हार में भी अपनी जीत छिपी हो
तो उस हार में भी मजा है।
अंगारों पर चलते दिल को दे
तो उसी ठंडक में नशा है,
रक्तसम आंसुओं में आनंद भर दूँ
तो उस रोने में भी मजा है।
वज्रसम मैं मोमसा पिघल जाँऊ
तो उस पसीजने में नशा है,
बस एक बार वह मंजर पालूँ
फिर तो मौत में भी मजा है।
