बस एक बार वह मंजर पालूँ फिर तो मौत में भी मजा है। बस एक बार वह मंजर पालूँ फिर तो मौत में भी मजा है।
शर्म आती हैं आज मुझे मानव को मानव कहने में शर्म आती हैं आज मुझे मानव को मानव कहने में
रखें मन में आशा, दूर रखकर निराशा। रखें मन में आशा, दूर रखकर निराशा।