रखें मन में आशा
रखें मन में आशा
रखें मन में आशा,
दूर रखकर निराशा।
सदा रखें सच-सच
मगर रखें मधुर भाषा।
जो प्रफुल्लित रहेंगे,
आसान जीवन रहेगा।
ग़मगी़न रहने से तो ये,
कोटि वज्र सम लगेगा।
शूल सम ही ये चुभेगा,
काटे न कटे ये तो जरा सा।
रखें मन में आशा,
दूर रखकर निराशा।
सदा रखें सच-सच
मगर रखें मधुर भाषा।
मिलेगा वही जो हमने दिया है,
न कुछ है हमारा सब यहीं से लिया है।
आज जो है हमारा कल किसी और का था,
आने वाले कल में किसी का होकर रहेगा।
आने-जाने का क्रम जारी रहा है जारी रहेगा
जग बदलता है रहता रहे न गैर-बदला जरा सा।
रखें मन में आशा,
दूर रखकर निराशा।
सदा रखें सच-सच
मगर रखें मधुर भाषा।
रहें ख़ुश सदा छोड़ दें चिन्ताएं,
चिंता में न खुद को तिल -तिल जलाएं।
सदा खुश रहें, सबको खुशियां लुटाएं,
दूर होंगी सारी मुश्किल और बाधाएं,
जीवन न है कोई सेज फूलों की बंधु,
न घबराएं बिल्कुल न हों विचलित जरा सा।
रखें मन में आशा,
दूर रखकर निराशा।
सदा रखें सच-सच
मगर रखें मधुर भाषा।
