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Dhan Pati Singh Kushwaha

Inspirational

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Dhan Pati Singh Kushwaha

Inspirational

रखें मन में आशा

रखें मन में आशा

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रखें मन में आशा,

दूर रखकर निराशा।

सदा रखें सच-सच

मगर रखें मधुर भाषा।


जो प्रफुल्लित रहेंगे,

आसान जीवन रहेगा।

ग़मगी़न रहने से तो ये,

कोटि वज्र सम लगेगा।

शूल सम ही ये चुभेगा,

काटे न कटे ये तो जरा सा।


रखें मन में आशा,

दूर रखकर निराशा।

सदा रखें सच-सच

मगर रखें मधुर भाषा।


मिलेगा वही जो हमने दिया है,

न कुछ है हमारा सब यहीं से लिया है।

आज जो है हमारा कल किसी और का था,

आने वाले कल में किसी का होकर रहेगा।

आने-जाने का क्रम जारी रहा है जारी रहेगा

जग बदलता है रहता रहे न गैर-बदला जरा सा।


रखें मन में आशा,

दूर रखकर निराशा।

सदा रखें सच-सच

मगर रखें मधुर भाषा।


रहें ख़ुश सदा छोड़ दें चिन्ताएं,

चिंता में न खुद को तिल -तिल जलाएं।

सदा खुश रहें, सबको खुशियां लुटाएं,

दूर होंगी सारी मुश्किल और बाधाएं,

जीवन न है कोई सेज फूलों की बंधु,

न घबराएं बिल्कुल न हों विचलित जरा सा।


रखें मन में आशा,

दूर रखकर निराशा।

सदा रखें सच-सच

मगर रखें मधुर भाषा।


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