सुरक्षित पर्यावरण
सुरक्षित पर्यावरण
वीभत्स पुकार, ये चीत्कार
जन जन में फैला हाहाकार
वायु प्रदूषित, जल है प्रदूषित
मानव का विचार प्रदूषित
कौन आये कौन समझाए
अरुणिमा को ये समझ न आये
कदम एक बढ़ाऊँ मैं
सोई मानवता जगाऊँ मैं
विचारों की क्रांति लाऊँ मैं
जन जहां फिर मुस्कायेगा
सुख के गीत गायेगा