STORYMIRROR

DR ARUN KUMAR SHASTRI

Inspirational

4  

DR ARUN KUMAR SHASTRI

Inspirational

सुरक्षा चक्र

सुरक्षा चक्र

1 min
396


आस्था के पथ को मैं

हर दिन निहारता हूँ

फिर नाम लेकर ईष्ट का 

उनको पुकारता हूँ

सम्बल मिला करता है 

हर कार्य के सुयोग का

इस तरह से मैं अपने

निर्णय निखारता हूँ

प्रति कार को हूँ समर्थ 

या के नहीं , पर मैं 

दृष्टि कौण रख संतुलित 

लेकर इसी मार्ग से गुहारता हूँ 

दिव्यता का मुझको

 हर वक़्त ही सहारा

इक पल भर भी हूँ अकेला

ऐसा न क्षण गुजारा 

मेरे राम की दया से 

हर काम हो गया है

करते हैं सब कन्हैया 

मेरा नाम हो रहा है 

दुनिया में जब मैं आया 

कोई वस्तु न साथ लाया

इतना दिया मेरे दाता

घर भर न जो समाया 

आस्था के पथ को मैं

हर दिन निहारता हूँ

फिर नाम लेकर ईष्ट का 

उनको पुकारता हूँ।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational