सुपर पावर
सुपर पावर
इन्सान कितना भी पावरफुल हो जाएं।
जिंदगी को खंगाल कर भी,
उस सुपर पावर तक नहीं पहुंच पाता।
सोचता तो बहुत कुछ है।
लेकिन सुपर पावर की गहराई नहीं समझ पाता।
इन्सान कितना भी पावरफुल हो जाएं।
उस सुपर पावर तक नहीं पहुंच पाता।
अजब सी दुनियां बनाई उस सुपर पावर ने।
जिसकी हर शह का कोई मूल्य ना दे पाता।
नकल कर के...... इंसान ।
जो भी बनाता रहा अपनी पावर से।
हर शह को अपने मतलब से बेच आता।
अपनी पावर के आगे ,
वो कुछ नही समझता।
किसी और पावर को,
भूल जाता है नकल की दौड़ में,
सबको बनाने वाला उस सुपर पावर को।