नई कहानी...
नई कहानी...
दिन बदल रहा हैं
खुद की पहचान बनकर
शाम हो रही
नई कवितायें सोचकर।
आदते छूटती नहीं
सब की रचनाएँ पढ़कर
दिल मानता नही
जब तक कुछ लिखकर।
अनजान इस राहों में
खुद की पहचान बनाऊंगा
युही मचलती इन हवा को
तेरे याद का गीत बनाऊंगा।
जीवन के इस रंग में
हँसती हुई जिंदगी में
सुख की महफ़िल सजाऊ
मेरा गीत सबको सुनाऊ।
दोस्तों के सहारे
जिंदगी के पल गुज़रेंगे
प्यार के बंधन से
नई कहानी लिखेंगे।