सुन रहे हैं
सुन रहे हैं
सुन रहे हैं
झील से चाँद की बातें
और ख़याल में है
उसका छत पर आना
सुन रहे हैं
जज्बात की बातें
और ख्याल में है
जज्बात की जमीन
अब इन बादलों से उड़ते
जज्बातों और ख्यालातों का क्या
जहाँ भी हैं
वहीं खो जाएं खुद में
किसी को इंतजार है
आप का।