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Trupti Thorat- Kalse

Tragedy Action Inspirational

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Trupti Thorat- Kalse

Tragedy Action Inspirational

सुन मेरी सोनी

सुन मेरी सोनी

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सुन मेरी सोनी, सुन मेरी प्यारी

पापा की तू हैं राजकुमारी

माँ की प्यारी बिटीयाराणी

भाई कि तू हैं दुलारी

घरकी हैं तू खुशियाँ सारी

मायकेंकी तुलसी तू आंगन की

तो ससुराल की हैं तू साक्षात गृहलक्ष्मी।


पर घरसे बहार निकले तो,

तुझपें पडेंगी हवसे की भरी नजरे सारी।

‌कब कहाँ कौनसे भेडीयें तुम्हे

नोच खायें पता नहीं चलेंगा।

तू दया की भीख माँगेगी,चिल्लायेंगी

तो तेरी जुबान काट दिई जाएंगी,

तू भागनें की कोशीश करेंगी तो

पैर भी गवा बैठेंगी।


अब तू क्या Justic माँगेंगी?

अब तू क्या जिंदा बच पाएंगी?

ए सब हम व्हिडीओ में मजेसे देखेंगे;

फिर Justic के नामपर हातमें

कॅन्डल जलाकर रस्तोपर उतर आएंगे।

इस लिए सुन मेरी सोनी,सुन मेरी प्यारी


अब घरसे बाहर निकलेंगी तो,

साथ में कटार जरूर रखना,और हा

ऍसिड की बोतल भी तुम साथ रखना।

आये कोई तुम्हारी आँचलमें हात डालने,

तो उसी कटार से सीना उसका फाड़ देना।

ऍसिडसे उसका मुंह किसींको

दिखाने लायक ना छोडना।


कानून के आँखों पे तो सदियों से

बंधी काली पट्टी है!

अब यहाँ नहीं आऐगा

द्रौपदी तुम्हे बचाने कोई

भाई बनकर कृष्णभगवान।

अब तुही शस्त्र उठाकर खुद,

इस हवस की जंजीरों को तोड ना ।

अब तुम्हीं लक्ष्मी से दुर्गा बन जाओं।

एक-एक दरिंदे को पैरो तले कुचल डालों।


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