लेखन...
लेखन...
लेखन वो जरिया है...
जो दिल को सुकून देता है...
दिल में दबे हर एक एहसास को
खिलकर प्यारा सा एक रूप देता हैं...
बेजुबां की जुबां है लेखन...
बिन कुच बोले हजारों के
मुंह बंद कर देता है लेखन...
हर एक कवि के दिल का
दर्पण होता है लेखन...
अनकहे लफ्ज का
जन्म है लेखन...
और क्या लिखूँ...
मेरी धड़कन ..
मेरी सांस..
मेरी जान...है लेखन...
