सुकून नही मिला है
सुकून नही मिला है
जिंदगी में सुकून नही मिला हैअपनो से ही गम-स्पून मिला है
जितना ज्यादा फूल बनते गये है,उतना ज़्यादा हमे शूल मिला है
जिंदगी में फंसते ही चले गये है,सुर से ज़्यादा हमे असुर मिला है
जिंदगी में सुकून नही मिला हैअपना ख़्वाब चकनाचूर मिला है
किसी को अब अपना कहूँ,साखीख़ुद के खून से हमे दगा मिला है
सुकून की तलाश में जंगल गया,पर जंगल ही रोता हुआ मिला है
जिंदगी में सुकून नही मिला हैअपनों से ही गम-स्पून मिला है
आंखे उस वक्त रोकर सूख गई,जब अपना दिल दुश्मन मिला है
जिस को जान से ज्यादा चाहते,वो ही शख्स हमें खूनी मिला है
जिंदगी में सुकून नही मिला हैअपनों से ही गम-स्पून मिला है
जिंदगी में ये सबक ख़ूब मिला हैहर शख्स मीठी छुरी लिये मिला है
जब से सुकून तलाशा है,भीतरतब से भीतर कोहिनूर मिला है
ख़ुद की खुद से दोस्ती करने से, हमें ख़ुद में सुकून बहुत मिला है।