सुकून है !
सुकून है !
तेरे इंतज़ार में मसरूफ हूँ मैं
सब कहते हैं कि मगरूर हूँ मैं
दुनिया से बेखबर हूँ
मैं आज तन्हा - सा इक सफर हूँ
आँखों में बर्फ बर्फ जम जाती है
मेरी वफ़ा जब तुझे साथ न ला पाती है
आंसू कभी यूँ घुल जाते हैं
तेरे साथ की एक कहानी कह जाते हैं
ज़माने की ज़रूरतों ने बुलाया
हर शख्स ने ही आज़माया
बोझिल होती सांसों ने नाम तेरा ही बताया
इंतज़ार ने कुछ यूँ इस इश्क को आज़माया
हम तो कह रहे हैं कि सुकून है
कुछ इस क़दर आपकी चाहत का जुनून है
बेफिक्र हैं, खामोश हैं, मद्धम हैं सांसें
और सुकून है !