सुबह की शांति
सुबह की शांति
जब भी सुबह,
तड़के उठता,
चारों और की शांति से,
बहुत प्रभावित होता।
मुझे लगता,
ये समय,
वातावरण में,
सबसे अधिक,
बिल्कुल शुद्ध,
ऊर्जा होती।
इसलिए जैसे ही,
कुछ गहरी सांसें लेता,
एक दम,
अकाल्पनीय असर ,
देखने को मिलता।
तभी इसे,
हमारे शास्त्र,
अमृत बेला बोलते।
ये अमृत,
बिल्कुल निशुल्क है,
कुदरत का दिया हुआ,
वरदान है।
जो इसका लाभ उठाता,
वो दिन भर,
सांची ऊर्जा से,
ओत-प्रोत रहता।
शायद ये,
कुदरत के,
जागने का समय भी होता,
और वो,
अपने आपको,
आने वाले समय के लिए,
तैयार करती,
तभी इस समय,
सबसे आदर्श,
वातावरण मिलता।