कर्म और दृढ़ता
कर्म और दृढ़ता
यह अटूट सत्य है कि,जो व्यक्ति संपूर्ण श्रृदा से, दृढ़ संकल्प से, अटूट निष्ठा के साथ अपने लक्ष्य प्राप्त हेतु जुट जाता है तो उसके संकल्प से ही उसकी तमाम शक्तियां संगठित होकर उसके कार्य को मजबूत बनाती हैं, ऐसा व्यक्ति आगे ही आगे बढ़ता है, और उसका हर कदम प्रगति की और अग्रसर होता रहता है, यह भी सत्य है कि साहस और आत्मविश्वास से अवसर की पहचान होती है, हमें रात को सोने और प्रातः कार्य आरंभ करने से पहले दृढ़ संकल्प लेना चाहिए कि मैं यह कार्य कर सकता हुँ और कर के रहुँगा,
अपने निर्णय पर हम जितना भरोसा करेंगे उसी अनुपात से हमें सफलता भी प्राप्त होगी कहने का भाव अगर हमारा संकल्प विजय का संकल्प है तो हमारी सफलता निश्चित है,
यह याद रखें सिर्फ इच्छा मात्र से ही हमें सफलता नहीं मिलती बल्कि सफलता पाने के लिए आपने भीतर आत्मविश्वास को जगाना पढ़ता है,
कहने का मतलब दृढ़ संकल्प में अदभुत शक्ति होती है जिसकी मदद से हम अपने जीवन में न सिर्फ सफलता बल्कि चिंताओं से भी मुक्ति पा सकते हैं,
कहने का भाव दृढ़ संकल्प में असीम शक्ति होती है जो व्यक्ति को किसी भी प्रकार की बाधाओं से जुड़े रहने में सक्षम बनाती है,
अन्त में यही कहुंगा जो व्यक्ति संपूर्ण श्रृद्धा से दृढ संकल्प से अटूट निष्ठा के साथ अपने लक्ष्य हेतु जुट जाता है तो उसके संकल्प से ही उसकी तमाम शक्तियाँ एकत्र होकर उसे कामयाब बनाने में मदद करती हैं, यह सत्य है साहस और आत्मविश्वास अवसर की पहचान होती है तथा अगर हमारे कर्म अच्छे हैं हमारा संकल्प विजय का संकल्प है तो हमारी सफलता निश्चित है।