सुबह का भूला
सुबह का भूला
दम घुट रहा था दादा जी का प्रदूषण से
सांस से हो रहा था हाल - बेहाल
आक्सीजन सिलेंडर जो लगाया था
थोड़ा ही चल पाया था
स्मोकिंग करते थे दिन- रात
फेफड़ों का हुआ था अब बुरा हाल
पेड़ बेचारे भी रो रहे थे
दिन- प्रतिदिन कम हो रहे थे
अस्पताल में बैंच भरे पड़े थे
रोगी बेचारे कराह रहे थे
दादा जी हुए परेशान
अब की बार बचा ले भगवान
मैं इंसान हूँ गल्ती का पुतला
सुबह का भूला शाम को घर लौटा
अब मैं अपना रखूंगा ध्यान
न पहुंचाऊंगा पर्यावरण को नुकसान
पेड़ खूब लगाऊंगा
जन-जन तक संदेश पहुंचाऊंगा।