सत्य-पथ
सत्य-पथ
राह में मिलेंगे तुझे पत्थर हज़ार
तू इन पत्थरों से ही बना औजार
जो फेंके जैसा पत्थर,
तू चला वैसा ही शस्त्र
तन्हाई से तू साखी मत डर
रात को तू बेइंतहा प्यार कर
सदा जुगनू बनकर चमक तू,
कर्म से कर तू झूठ पर प्रहार
पाप का अंधेरा कितना ही घना हो,
तेरे साथ चाहे कोई भी न खड़ा हो,
पर याद रख जीतता सदा सच है,
सवेरे के सूर्य पर सदा कर तू ऐतबार
सत्यपथ की राह कठिन बहुत है
राह में मिलते शूल भी बहुत है
पर सत्य पथ पर मर मिट तू,
खुद को बना जा अमिट तू
सत्य तो अजर है सत्य तो अमर है
सत्य पर अपनी सांसो को तू वार
सत्य के लिये उठा ले तू हथियार
जीतेगा सत्य,मिटेगा असत्य
सत्य ही है,शिव का श्रृंगार।
