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Ajit Kumar Raut

Inspirational

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Ajit Kumar Raut

Inspirational

सत्य पथ हो जीवन में

सत्य पथ हो जीवन में

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दुर्लभ जीवन मनुष्य जीवन

  सत्य पथ हो हमेशा,

कर्म पथ मेरी धर्म पथ पर

  प्रभु भक्ति हो हमेशा।


कर्मपथ पर चलते रहना

  ज्ञान अति आवश्यक,

अपनाना हमें प्रभु उद्देश्य

  गीता ज्ञान आवश्यक।


दो पथ नहीं है आवश्यक हमें

  कर्त्तव्य हमारी सेवा,

हिंसा कपट है पापाचारियें के

  कहाँ है उनमें सेवा?


सृष्टि ईश्वर की दो पथ विभक्त

  ज्ञानी और अज्ञानी की

ज्ञान पथ पर चलना है हमें

  हो जनसेवा देश की।


अज्ञानी करते पाप निरन्तर

  अति मुर्ख पापाचारी,

दौलत के पीछे दौडना कार्य है

  स्वार्थी और भ्रष्टाचारी।


पथ नित्य ऐसा चाहिए हमें है

 प्रभु भक्ति हो हमारी,

पथ एक हमें ही नित्य चाहिए

 हो राष्ट्र सेवा हमें प्यारी।


कर्म बिनु जीवन अति बेकार

  कर्मज्ञानी बनना है,

सेवा कर्म सर्वोपरि जीवन में

  जनसेवा करनी है।


एक ही पथ है जीवन यात्रा में

  सम्भाल कर रखना,

कर्म धर्म भक्ति पथ है हमारी

  एक ही पथ रखना।


दूसरे पथ है दुराचारियों के

  वहिष्कार हीं करना,

कर्तव्य पथ है सेवा बुजुर्गों की

  सेवा भाव हीं रखना।


मातृपितृ भक्ति जीवन मंत्र हो

  गृहस्थी में समभाव,

राष्ट्र सेवा हो जीवन यात्रा मंत्र 

  हो निस्वार्थ भक्तिभाव।


आत्मनिर्भर हो जीवन की मंत्र 

  आत्मनिर्भर बनेंगे,

निर्भर रहना नहीं है कर्त्तव्य

  अज्ञानी नहीं बनेंगे।


एक ही पथ है प्रभु भक्ति हमें

  प्रभु नाम को जपना,

न्याय धर्म पथ जीवन यात्रा की

  याद हमें ही रखना।



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