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Sandeep Kumar

Abstract

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Sandeep Kumar

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सत्य को छुपाया गया झूठ को पढ़ाया गया।।

सत्य को छुपाया गया झूठ को पढ़ाया गया।।

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सत्य को छुपाया गया

झूठ को पढ़ाया गया।।


सत्य को छुपाया गया

झूठ को पढ़ाया गया।।

चप्पे-चप्पे में आक्रन्ता को

महान बतलाया गया।।


नक्शे से वास्तविकता को

आसानी से हटाया गया।।

शुरविरो की धरती को

ठग के हाथों ठमाया गया।।


एक वोट वालों को

सत्ता पर बैठाया गया

14 वोट बालों को

कठपुतला बनाया गया।।


महान क्रान्तिकारी को

मौन कराया गया

रहस्य मयी मृत्यू का

हवाला हमें दिया गया।।


हेराफेरी करने वालों को

उच्च बजार में बताया गया

तिलक गोखले नेताजी को

मौत के घाट उतारा गया।।


बड़े आसानी से शुरविरो को

जनमत से दबाया गया

एक पार्टी के हाथों में

पुरा देश ठमाया गया।।


दिशा दशा का ज्ञान नहीं जिसे

उसे अर्थ शास्त्री बताया गया

बिल्ली के हाथों से पहरा

शेर का कराया गया।।


यह सब कभी भी नहीं हमें

मिडिया के द्वारा दिखाया गया

आजादी के चौथे स्तंभ को भी

कैसे बेहतर बताया गया।।


सत्य को छुपाया गया

झूठ को पढ़ाया गया।।

चप्पे-चप्पे में आक्रन्ता को

महान बतलाया गया।।



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