सतरंगी सपने
सतरंगी सपने
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मेरे दिल के फलसफे पे तुम्हारा नाम लिखा है,
तुम्हें महसूस करता हूँ यही पैगाम लिखा है।
तुम्हारी चाहतों की बारिश मुझको भिगोती है,
तुम्हें मैं हर समय अपने हृदय में देख लेता हूँ।
न पाने की तमन्ना है, न छूने की तमन्ना है,
बस नैनों में बसेरा है तुम्हारा ये ही काफी हैं।
तुम्हें चाहा, तुम्हें पूजा, तुम्हें ही प्यार करता हूँ,
जो सपनों में तुम आती हो, मैं बस दीदार करता हूँ।
तुम स्वपनिल सी निगाहों में, हमेशा छाई रहती हो,
मैं नज़र झुका करके, तेरा दीदार करता हूँ ।