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Priya Neet Shukla

Drama

5.0  

Priya Neet Shukla

Drama

स्त्री

स्त्री

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हँसता मुस्कुराता वो चेहरा,

जिनपे है झुर्रियों का पहरा,

साथ दिया उसने तुम्हारा

कदम दर कदम।


मिला क्या उसे

सिर्फ अश्रुओं का आँचल,

चलती रही बिना रुके,

थकी नहीं किसी कदम।


साथ दिया उसने

तुम्हारा हर कदम,

आग में जलती रही,

धूप में तपती रही,

बनी छाया वो हर कदम।


साथ दिया उसने तुम्हारा

कदम दर कदम,

एक आस थी,

एक चाह थी,

इज्जत की, विश्वास की,

फूलों भरी एक राह की।


दिया सब कुछ तुम्हें उसने,

मिली उसको सिर्फ यादें,

कुछ टूटे हुए सपने,

और ज़िन्दगी भर की आस......।।


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