मेरे सपने
मेरे सपने
सपने मेरे भी थे
उड़ान मुझे भी भरना था।
होकर निर्भीक,
खुले आसमान में।
नहीं जानती,
कहाँ से आया ?
ये पिंजरा।
क्या ये मेरा नसीब था ?
या छीनी मैंने
खुद अपनी आजादी.....।।.
सपने मेरे भी थे
उड़ान मुझे भी भरना था।
होकर निर्भीक,
खुले आसमान में।
नहीं जानती,
कहाँ से आया ?
ये पिंजरा।
क्या ये मेरा नसीब था ?
या छीनी मैंने
खुद अपनी आजादी.....।।.