सती बिना महादेव का
सती बिना महादेव का
उड़ता हुआ भौरां कलियों से कह गया
बेबसी का घूंट पपीहा ये कैसे पी गया
चांदनी रातों में ये जुगनू कैसे चमक गया
बिछड़ के भी ये शख्स जिंदा कैसे रह गया?
सती बिना महादेव का , रती बिना कामदेव का
प्रेमिका के बिना प्रेमी का, सीप बिना मोती का
विरह बिना मिलन का, शोक बिना आनंंद का
तुुुुुम्हारे बिना मेेेेरा, हाल ही कुछ और हैै!