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Kusum Lakhera

Classics Inspirational

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Kusum Lakhera

Classics Inspirational

सर्वगुणों की खान माँ

सर्वगुणों की खान माँ

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माँ तुम संतान के लिए सर्वगुणों की खान हो

तुम विधि का बहुत प्यारा .. वरदान हो

तुम चारों वेदों से पूरित..  तुम ज्ञान हो 

तुम परिवार की धुरी हो . तुम .शान हो

तुम धरा सी सहनशील .. तुम महान हो


माँ तुम संतान के लिए सर्वगुणों की खान हो

तुम ईश्वर के रूप में ..साक्षात भगवान हो

तुम करुणा से पूरित ....ममता की खान हो

तुम प्रेम का सागर हो ...सुरीले गीतों की तान हो

तुम प्रभु की बहुत प्यारी ममतामयी पहचान हो


>माँ तुम संतान के लिए सर्वगुणों की खान हो

तुम चंद्रमा सी शांत ...चंद्रिका समान हो

तुम सूर्य सम तेजस्वी ... किरणों का मान हो

तुम वायु सी महत्वपूर्ण..  तुम प्राणवान हो

तुम अग्नि जैसी प्रचंड ... तुम .तेजवान हो


माँ तुम सन्तान के लिए ..सर्वगुणों की खान हो

तुम स्नेह की मूरत हो ...तुम बहुत रूपवान हो

तुम ज्ञान की गंगा हो ...तुम बहुत शक्तिवान हो

तुम प्रकृति सम शील ..तुम बहुत महान ही

तुम सृष्टि सम सृजनशील ...तुम शीलवान हो


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