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Divyanshi Triguna

Abstract Fantasy

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Divyanshi Triguna

Abstract Fantasy

सर्वाधिक प्रेम उनसे,,।

सर्वाधिक प्रेम उनसे,,।

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सबसे ज्यादा ये प्यार उनसे, 

    सबसे ज्यादा ये प्रेम उनसे, 

जिनसे ये दिल मिलता हैं मेरा, 

    जिनसे ये मन खिलता हैं मेरा,,


सांवरिया हैं, रंग रसिया हैं 

    मोहिनी मूरती, मेरे पिया हैं

बांके बिहारी, बांवरिया हैं 

    राधारमण मेरे, मन बसिया हैं,,


आने से जिनके, मेरे अंगना में बहार आएं 

    आने से जिनके, मेरी अंखियों में प्यार आएं 

मेरे मन की सुबह, जिनके आने से हो, 

    जाने से जिनके, दिन ढलता सा हों,, 

  

सांवरिया हैं, रंग रसिया हैं 

    मोहिनी मूरती, मेरे पिया हैं

बांके बिहारी, बांवरिया हैं 

    राधारमण मेरे, मन बसिया हैं,, 


श्याम सुन्दर, मनमोहन वर 

    हृदय के हैं वो राज कुंवर,

उनसे मन की प्रीति हैं ये,

    उनसे प्रेम समंदर हैं ये,,


सबसे ज्यादा ये प्यार उनसे, 

    सबसे ज्यादा ये प्रेम उनसे, 

जिनसे ये दिल मिलता हैं मेरा, 

    जिनसे ये मन खिलता हैं मेरा,,


सांवरिया हैं, रंग रसिया हैं 

    मोहिनी मूरती, मेरे पिया हैं

बांके बिहारी, बांवरिया हैं 

    राधारमण मेरे, मन बसिया हैं,,

वासुदेवाय नमः


जय श्री कृष्णा,,।

राधे राधे..।



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