सरहद पर खड़े जांबाज सैनिकों को मेरा सलाम
सरहद पर खड़े जांबाज सैनिकों को मेरा सलाम
सरहद पर खड़े
मेरे भारत देश के जांबाज सैनिकों को
मेरा सलाम
मैं उन्हें क्या हौसला दूं
वह तो खुद दिन रात
एक तपस्वी से तपकर
एक हिमालय की बर्फ से जमकर
एक धधकती अग्नि से जलकर करते
अपने देशवासियों के दिलों की मशाल
रोशन
वह तो खुद एक
जीता जागता उदाहरण हैं
हौसले से भरी इतिहास की किताब के
हर एक सुनहरे पन्ने के चरित्रों का
रग रग में जिनके
देशभक्ति की लहर दौड़े
ऐसे अतुल्य महानतम सपूतों को मेरा
शत शत नमन है
भूखे रहकर
प्यासे रहकर
शिराओं में दौड़ते लहू की हर एक बूंद को
जमा देने वाली कड़ी ठंड में
एक सूखी लकड़ी से अकड़कर
तेज गर्मी में
एक बर्फ की डली से
पिघलकर
बारिश में भीगकर
आंधी में एक ताड़ के पेड़ के तने से
डटकर
अपने घर से दूर रहकर
हर मार सहकर
हर वार अपने सीने पर
झेलकर
वह खड़े रहते अडिग
एक प्रहरी से
हमारे रक्षक
हमारे भगवान
हमारे तक्षक
हमारे संतरी
हमारे प्रेक्षक
आसमान में लहराते
एक तिरंगे सा ही महान
जिनका व्यक्तित्व
हमें जीवन देते
खुद पल पल अपनी हर
सांस के लिए लड़ते
हम सोते
वह जागते
हम हंसते, खेलते, गाते
वह अपना कर्तव्य निभाते
हम सुरक्षित
वह अपनी जान हरदम ही
खतरे में डालते
अपनी भारत मां और
उसके बच्चों यानी
हम देशवासियों के लिए
अपनी जान की बाजी लगाते
अपना सर्वस्व न्योछावर करते
अपनी खुशियां हमपर वारते
अपना जीवन जोखिम में डालते
हमारा जहान उनसे है
हमारी शान उनसे है
हमारी पहचान उनसे है
हमारे हर स्वप्न को पूरा
करें वो
न जाने कितने
बलिदान करके
न जाने कितने सपनों को
तोड़कर
न जाने कितने रास्तों को
छोड़कर
न जाने कितने
अरमानों को रौंदकर
न जाने कितनी मंजिलों पर
खुद न पहुंचकर
खुद अपनी कुर्बानी देकर
दूसरों को जीवन की सांसों का
उपहार देकर।