STORYMIRROR

Raja Sekhar CH V

Abstract

4  

Raja Sekhar CH V

Abstract

सप्तरंगों से होली

सप्तरंगों से होली

1 min
173

सप्तरंगों से होली से खेलते हैं मुरलीधर मनमोहन,

मोहित राधा के ह्रदय को प्रेमरंग से करते हैं रंगीन,

बृन्दावान में आनंद वर्ण झलकाए गोपियों का नर्तन,

हर्षित ब्रजवासी हेतु अमूल्य है ये प्रियदर्शी प्रदर्शन |१|


उत्कलवासी परवश हो जाएँ उठाकर श्रीदोलगोविन्दजी का विमान ,

श्रीदेवी भूदेवी सह मधुसूदन का शोभायात्रा करे ग्राम को शोभायमान,

दोल वेदिका में देव देवियों के फागुन खेल का होता है अनन्य संदर्शन,

चाचेरी वेष सुवर्ण वेष में होता है शंखक्षेत्र श्री जगन्नाथजी का दिव्यदर्शन |२|


এই বিষয়বস্তু রেট
প্রবেশ করুন

Similar hindi poem from Abstract