वो तो अपूर्व है, अनुपम है, अबर्णनिय है ! हरे कृष्ण ! जय श्री राधे कृष्ण ! वो तो अपूर्व है, अनुपम है, अबर्णनिय है ! हरे कृष्ण ! जय श्री राधे कृष्ण !
सप्तरंगों से होली से खेलते हैं मुरलीधर मनमोहन, मोहित राधा के ह्रदय को प्रेमरंग से करते सप्तरंगों से होली से खेलते हैं मुरलीधर मनमोहन, मोहित राधा के ह्रदय को प्रेमरं...
अंत करके कंस का मथुरा को मुक्त करवाया माता-पिता को करा आजाद गले से लगाया अंत करके कंस का मथुरा को मुक्त करवाया माता-पिता को करा आजाद गले से लगाया
यहाँ हर मज़हब भी होते है एक, यह भारत है मेरे दोस्त यहाँ यहाॅं सत्ता भी प्रजा की होती है और प्रजा ... यहाँ हर मज़हब भी होते है एक, यह भारत है मेरे दोस्त यहाँ यहाॅं सत्ता भी प्रजा क...