सपने उड़ान के
सपने उड़ान के
कभी चमकती धूप
कभी घनघोर अंधेरा
उड़ान भरने को आतुर
पागल मन था मेरा
सिखा गया जीवन का मतलब
अनजान सफर वह मेरा
मैं चला था
बहुत से सपने लेकर
छोड़ चला था पीछे
अपना सर्वस्व लुटाकर
जोश था जुनून था।
सब कुछ पा लूंगा मालूम था
मगर ये उम्र धेर्य करना ना जानी
यही कसूर था मेरा
सिखा गया जीवन का मतलब
अनजान सफर वह मेरा।
लोगों की बातों में आया
ठोकर खाई
पैसा गवाया ,उदासी छाई
तब यह बात समझ आई
सपनों को पाने का
कोई छोटा रास्ता नहीं होता।
वो लोग क्यों भला चाहेंगे मेरा
जिनसे कोई वास्ता नहीं होता
मेहनत प्रयास लगन के सूरज ही
जीवन में लाते सवेरा
सिखा गया जीवन का मतलब
अनजान सफर वह मेरा।