सफ़र खूबसूरत है मंज़िल से भी
सफ़र खूबसूरत है मंज़िल से भी
ऐ राही ! तू चलता जा
मुश्किलों से न घबरा
निरन्तर कदम बढ़ाता जा
काँटों के बीच राह बनाता जा
सफ़र खूबसूरत है मंज़िल से भी
तू सफ़र की शुरूआत तो कर
सफलता मिलेगी तुझे इक दिन
तू खुद से मुलाक़ात तो कर
गिरने से तू न डर
जीत का तू संकल्प कर
मन में आत्मविश्वास जगा
हताशा को दूर भगा
इस सफ़र में कई राही हैं
तू भी उनके साथ चल
मुश्किल सब पर आई है
तू सूझ-बुझ से बच निकल
कठिनाइयाँ कम हो जाएंगी
तेरी मेहनत रंग लाएगी
तू कर्म पथ पर चलता जा
दुनिया तेरी सफलता को
देख दंग रह जाएगी।
