सफलता!
सफलता!
एक खून है , एक शक्ति है,
सफल वही जो श्रम में रत है
बुद्धि दिया है सबको रब ने ,
वही कहावत सुनी है सबने
करत-करत अभ्यास के,
जड़मति होत सुजान।
रसरी आवत जात तें,
सिल पर परत निसान
इसीलिए रच सकते हम सब,
नवल, नित्य, नूतन कीर्तिमान
चमक उठेंगे , दमक उठेंगे,
नभ का बनकर हम दिनमान।