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Ramashankar Yadav

Romance

5.0  

Ramashankar Yadav

Romance

सोचा था

सोचा था

1 min
383


सोचा था तुमसे भी दिल की किताब लूँगा

चाहत का अपनी गिन के हिसाब लूँगा

सोचा था तुमसे भी दिल की किताब लूँगा


सोचा था कभी तो तुमको प्यार होगा

तुमको भी मेरी आहट का इंतजार होगा

तब मैं तुम्हारी चाहत का इम्तहान लूँगा

सोचा था तुमसे भी दिल की किताब लूँगा


जितनी बार मैं मिटा हुँ सनम तुम्हारे प्यार में

जितनी बार मैं जला हुँ तपती इश्क की बयार में

उस बीते हुए हर पल का मजम्मत तमाम लूँगा

सोचा था तुमसे भी दिल की किताब लूँगा


मालूम ना था तुम युँ दिलफेंक सनम होगे

जो मर मिटा है खुद तुमपे उसकी ही जान लोगे

अब भूल कर भी ना सनम तुम्हारा नाम लूँगा

सोचा था तुमसे भी दिल की किताब लूँगा


सोचता हुँ अब कि क्युँ प्यार किया हमने

डरते थे हम जिससे सदा क्युँ यार किया हमने

क्या मैं भी अब औरों की तरह हाँथों में जाम लूँगा

सोचा था तुमसे भी दिल की किताब लूँगा।


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