सोचा ही नहीं....
सोचा ही नहीं....
मैने इस तरह तो कभी
सोचा ही नहीं।
वक्त कैसा भी हो गुजर जाता है
इसी इंतजार में इंसान गुजर
जाए तो, सोचा ही नहीं।
खुदगर्ज सी इस दुनिया में
रिश्तों को अहमियत दी मैंने,
मतलब के लिए रिश्ता ही बदल
जाए तो, सोचा ही नहीं।
सब कोई झूठ का जामा
सा पहने फिरते हैं,
ऐसे माहौल में सच मेरे
मुंह से निकल जाए तो,
सोचा ही नहीं।
मान कर खुदा जिसकी
बंदगी को जिंदगी समझा,
वो भगवान ही अगर बदल
जाए तो, सोचा ही नहीं।
सबके बारे में यूं तो सोचा पर
बैठ कर आइने के सामने तो,
कभी सोचा ही नहीं।
