संसार सजाने आया हूॅं
संसार सजाने आया हूॅं
धरती पर बाग़ लगाने आया हूं।
अपना संसार सजाने आया हूं।
पतवार उठाओ मेरे कृष्ण मुरारी,
ये बेड़ा पार लगाओ हे त्रिपुरारी।
मुझपर दया दिखाओ हे मुरारी,
भव से पार लगाओ हे गिरधारी।
धरती पर उपवन लगाने आया हूं,
यहां तेरा आंगन सजाने आया हूं।
