संगठन
संगठन
वो एक किसान आंदोलन था,
न वहां कोई अकेला था,
मांगे वाजिब थी,
पर सत्ता न राजी थी,
संगठन काम आया,
सच्चाई के आगे झुकाया.
और दूर क्यों जाते हैं,
कोई भी विधेयक,
तब तक कानून नहीं बन पाते हैं,
जबतक दो तिहाई बहुमत नहीं पाते हैं,
लोगों को एकत्र होने ही होता है,
दुर्गम पथ को आसान बनाने को,
हर बार किसी अभेद्य किले पर,
विजय पाते हैं, पताका फहराते हैं,
एकता कि वह शक्ति बताते हैं।
और सबसे बड़ा उदाहरण तो,
'प्रभु राम' हैं,
लेकर मनुज अवतार,
जब धरा पर आए,
'लंका' विजय में, नल नील
विभीषण जैसे अनगिनत ने,
साथ निभाया,
"वानर सेना" का साथ पाया,
और समंदर पर बांध क्या,
बिना संगठन संभव हो पाया?