संघर्ष पथ
संघर्ष पथ
जीवन क्या है संघर्ष पथ,
जिस पर तुमको चलना होगा।
ताउम्र रहेगी यह लीला,
यह युद्ध तुम्हे लड़ना होगा।
चाहत हो या न हो,
यह धर्मयुद्ध लड़ना होगा,
इस धरा पे तुमने जन्म लिया,
तो कर्म तुम्हे करना होगा।
वह पथिक ही क्या,
जिसने न कभी संघर्ष किया।
निज आन, मान, मर्यादा का,
जिसने न कभी संकल्प लिया।
संकल्प तुम्हे निजता देगा,
संघर्ष ही राह प्रशस्त करें।
तुम क्या हो इससे फर्क नहीं,
निज राह तुम्हारा कल होगा।
संघर्ष से गर घबराते हो,
दुनिया में आना व्यर्थ हुआ।
जीवन में गर कुछ पाना है,
इससे घबराना व्यर्थ हुआ।
है युद्ध तुम्हारे जीवन का,
हर पल रहना तत्पर होगा।
गर कदम बढ़े पीछे जो कभी,
जिंदा रहना बेकार होगा।