SPK Sachin Lodhi
Action Inspirational
नन्हा पौधा हुआ आजाद,
धरा की लिपटी मिट्टी से !
अभी तो उपजा आनंदित बीज,
रंग बिरंगी दुनिया में।
दुःख महसूस करना है;
इस जालिम दुनिया में !
धरा जलती है सूरज से,
पर वो तपन सहकर अडिग रहती।
💥फागुन आयो💥
प्रकृति की वे...
मातृभाषा हिन्...
⛳मातृभूमि⛳
तेरी बातों की...
गुरु सर्वस्व ...
गुरुओं की भूम...
मातृभाषा हिंद...
पिता सच्चा ही...
एक ही गली में अब तो आना - जाना बचा जिम्मेवारी की चादर ओढ़ जो हूँ मैं चला एक ही गली में अब तो आना - जाना बचा जिम्मेवारी की चादर ओढ़ जो हूँ मैं चला
नव लक्ष्य बने, हर अंतस सजे। सद्गुण, सद्भाव ही अपनाकर, नव लक्ष्य बने, हर अंतस सजे। सद्गुण, सद्भाव ही अपनाकर,
मन ने तो मान लिया पर... कमबख़्त अब दिल की बारी आई है, मन ने तो मान लिया पर... कमबख़्त अब दिल की बारी आई है,
बुनती है हज़ारों सपनों को अपनी बंद आँखों में कर लेती है पूरी जिम्मदारियों सारी। बुनती है हज़ारों सपनों को अपनी बंद आँखों में कर लेती है पूरी जिम्मदारियों सार...
रिश्ते का बनना नासूर बन फिर रिसना क्या प्रयास किया पहले महरम लगाने का ? रिश्ते का बनना नासूर बन फिर रिसना क्या प्रयास किया पहले महरम लगाने का ?
नारी दर्द में है, तो खुशियां, तेरी भी नही है। नारी दर्द में है, तो खुशियां, तेरी भी नही है।
लोगों के आशीर्वाद की भी तो दरकार होती है। लोगों के आशीर्वाद की भी तो दरकार होती है।
ये अल्फ़ाज़ है सबसे बड़ा जिसमें डूबा है मेरा कारवां ये अल्फ़ाज़ है सबसे बड़ा जिसमें डूबा है मेरा कारवां
मां भारती का कर्ज था उसका जीवन, लड़ता रहा अंतिम सांस तक चुकाने के लिए। मां भारती का कर्ज था उसका जीवन, लड़ता रहा अंतिम सांस तक चुकाने के लिए।
विभीषन की तरह जो हरि शरण मे जाता सब कुछ तुझको मिल जाता। विभीषन की तरह जो हरि शरण मे जाता सब कुछ तुझको मिल जाता।
ये वक़्त अब यू ना बेकार होने देंगे कुछ दौर बदलकर हम भी देखेंगे॥ ये वक़्त अब यू ना बेकार होने देंगे कुछ दौर बदलकर हम भी देखेंगे॥
पहले से ही बहुत ज़्यादा अमीर होते, दूसरों के हक़ पर नज़र गंदी है रखते। पहले से ही बहुत ज़्यादा अमीर होते, दूसरों के हक़ पर नज़र गंदी है रखते।
पर असत्य की हो विजय , इसकी यही कामना हाँ यही तो है यह आदमी दौलत के पीछे भागता यह आदमी पर असत्य की हो विजय , इसकी यही कामना हाँ यही तो है यह आदमी दौलत के पीछे भागत...
बस ये रह-गुजर खड़ा हैं इसी इंतज़ार में॥ बस ये रह-गुजर खड़ा हैं इसी इंतज़ार में॥
विश्वास परमात्मा पर था और बेटी की मेहनत को भी तो ना गंवाना था। विश्वास परमात्मा पर था और बेटी की मेहनत को भी तो ना गंवाना था।
तेज मूसलाधार वर्षा और गर्जना, खूंखार पशुओं से कहीं हो ना जाये सामना तेज मूसलाधार वर्षा और गर्जना, खूंखार पशुओं से कहीं हो ना जाये सामना
उठो रणक्षेत्र में खड़े हो, शत्रु को जड़ से उखड़ दो। उठो रणक्षेत्र में खड़े हो, शत्रु को जड़ से उखड़ दो।
है प्रार्थना हमारी बच्चों की नई उम्मीदों को तुम्हें है पूरा करना। है प्रार्थना हमारी बच्चों की नई उम्मीदों को तुम्हें है पूरा करना।
तेरे कपालों पर गिरीं केशों की लटें अंगड़ाइयों के संग मुझे अब हैं डसें ! तेरे कपालों पर गिरीं केशों की लटें अंगड़ाइयों के संग मुझे अब हैं डसें...
अपना जीवन-संग्राम चलाते जाएँ... एक-न-एक दिन आप बाज़ी मार ही लेंगें। अपना जीवन-संग्राम चलाते जाएँ... एक-न-एक दिन आप बाज़ी मार ही लेंगें।