STORYMIRROR

Sapna (Beena) Khandelwal

Abstract Classics Inspirational

4  

Sapna (Beena) Khandelwal

Abstract Classics Inspirational

संघर्ष ही जीवन है

संघर्ष ही जीवन है

1 min
555

आम के वृक्ष के नीचे पड़ा था

एक संबल हीन निराश टूटा हुआ आम।

इसी तरह मानव भी टूट जाता है

जब हो जाती हैं उसकी लक्ष्य प्राप्ति की आकांक्षाएं नष्ट।


निराश हो जाता है वह अपने संघर्षमय जीवन से

और खोजने लगता है म्रत्यु की राह।

लेकिन केवल यही तो नहीं है

संघर्षों से छुटकारा पाने का उपाय।


असीमित ताकत को अपनी पहचान लो

अर्जुन सम लक्ष्य अपने, को साध लो

ऐसे लक्ष्य प्राप्ति में स्वयं को झोंक दो।

जो तुम्हारे स्वजनों के गर्व का कारण बन जाए।

अगर फिर भी न मिले मंजिल तुम्हारी तो

निराश कभी न होना।


अन्य कोई लक्ष्य चुन लेना।

लक्ष्य तो है हाथ तुम्हारे

पर जिंदगी यूँ ही मिटाने के लिए नहीं।

बड़ी ही अनमोल , खूबसूरत कृति है ये 

उस पालनहार की

जो बिन कुछ किये, गंवा देने के लिए नहीं।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract